स्नातकोत्तर हिन्दी-विभाग एवम् शोध-केन्द्र

विभाग के बारे में:

महाविद्यालय में स्नातक कक्षा (B.A.) तक हिंदी विषय का अध्ययन-अध्यापन आरंभिक दौर से ही चलता रहा। स्नातकोत्तर हिंदी विभाग की नींव 1952 में रखी गई।  पिछले शताधिक वर्षों से स्नातक स्तर (BA) तथा 71 वर्षों से स्नातकोत्तर (MA HINDI) स्तर की पठन-पाठन परम्परा को जिम्मेदारीपूर्वक निभाते हुए यह विभाग निरंतर सफलता की राह पर अग्रसर है। मानव मूल्य के पुरोधा डॉ धर्मपाल मैनी (प्राध्यापक, साहित्यकार, विचारक, आलोचक, सम्पादक, कोशकार) जैसे अपने विद्यार्थियों को उच्च व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देते हुए तथा अनेक बुलंदियों को प्राप्त करता हुआ यह विभाग शिक्षा के क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित करता रहा है। अकादमिक स्तर पर हमेशा से इस विभाग के छात्र विश्वविद्यालय एवं राज्य स्तर पर अव्वल आते रहे हैं। विभाग द्वारा विद्यार्थियों के प्रोत्साहन हेतु राज्य-स्तरीय, राष्ट्र स्तरीय कार्यक्रमों के साथ साथ अंतर-राष्ट्रीय स्तर की अकादमिक गतिविधि भी करवाई जाती है, ताकि विभाग के विद्यार्थी अपने परिवेश से अतिरिक्त अन्य अकादमिक गतिविधि के प्रति भी जागरुक हो सकें। वर्ष 2015 में एक दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार तथा वर्ष 2018 में दो दिवसीय अंतर-राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन विभाग ने कराया। इसके अतिरिक्त राज्य-स्तरीय हिन्दी दिवस समारोह का आयोजन प्रत्येक वर्ष कराया जाता है। हिन्दी भाषा-साहित्य के पठन-पाठन के प्रति विभाग की सक्रियता तथा इस विभाग के प्रति छात्रों की रुचि और उनकी मांग को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2010 में पंजाब-विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ द्वारा इस विभाग में शोध-केंद्र की स्थापना की गई। इसके परिणामस्वरूप महाविद्यालय का ‘स्नातकोत्तर हिंदी-विभाग’ पंजाब राज्य के राजकीय कॉलेज में शोध-केंद्र के रूप में पहला विभाग बना, जहां छात्र हिंदी विषय में पी-एच. डी. कर सकते हैं। विभाग में शोध-केन्द्र की स्थापना के साथ विभाग की लोकप्रियता राष्ट्रीय स्तर की हो गई, परिणामस्वरूप पंजाब राज्य से बाहर के विद्यार्थी-शोधार्थी भी उच्च शिक्षा में हिन्दी-अध्ययन करने हेतु विभाग में आने लगे। वर्तमान समय तक 19 शोधार्थियों ने इस विभाग द्वारा पीएचडी की  डिग्री प्राप्त की। महाविद्यालय द्वारा प्रकाशित वार्षिक पत्रिका ‘सतलुज’ के हिन्दी खण्ड हिन्दी लेखन के प्रति विद्यार्थियों में उत्साहवर्धन का कार्य करती है। इस प्रकार यह विभाग आरंभिक दौर से स्नातक(B.A.) तक, वर्ष 1952 से स्नातकोत्तर(M.A. Hindi) स्तर तक और वर्ष 2010 से पी-एच. डी. (Ph.D. Hindi) स्तर तक हिन्दी की शिक्षा पाने के इच्छुक छात्रों के लिए निरंतर गतिमान है।

विशेष: विश्वविद्यालय/महाविद्यालय में उल्लेखनीय स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी विद्यार्थियों  प्रोत्साहन हेतु रोल ऑफ़ ऑनर, कॉलेज कलर, मेरिट सर्टिफिकेट, एस. के. वशिष्ठ गोल्ड मैडल अवार्ड, सतीश कान्त मेमोरियल अवार्ड के साथ-साथ विश्वविद्यालय/महाविद्यालय तथा अनेक बैंकिंग/हिन्दी-सेवी संस्थानों द्वारा वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह एवं हिन्दी दिवस समारोह में सम्मान-पत्र/स्मृति-चिह्न/अवार्ड/स्कॉलरशिप दिए जाते हैं।

हिन्दी विभाग का उद्देश्य (Objective):

  • मानवीय मूल्यों के प्रति स्वस्थ दृष्टिकोण विकसित करना।
  • उच्च अध्ययन और अनुसंधान में बहुविषयक दृष्टिकोण स्थापित करना एवं अंतर्विषयक शोध के लिए उत्साहित करना।
  • मूलभूत कौशल श्रवण, लेखन और अभिव्यक्ति का विकास करना।
  • उच्चारण और लिपि के सही ज्ञान के साथ भाषा कौशल का विकास करना।
  • एक कुशल वक्ता का निर्माण करना।
  • स्थानीय से लेकर अखिल भारतीय साहित्य से परिचित कराना।
  • स्त्री, दलित, आदिवासी आदि साहित्यिक विमर्शो से परिचित करना।
  • साहित्यिक पाठ और उनके संदर्भों में आलोचनात्मक प्रवृति और कल्पनाशीलता का कौशल - निर्माण करना।
  • व्यावहारिक और अनुभवात्मक शिक्षण के लिए सक्षम करना।
  • रोज़गार के लिए उचित व्यावसायिक कौशल में छात्रों को प्रशिक्षित करना।
  • समाज-समुदाय के प्रति संवेदनशील दृष्टि के साथ राष्ट्रीय चेतना का विकास करना।
  • अंधविश्वास, सामाजिक, धार्मिक आदि कुरीतियों के प्रति जागरुकता का विकास
  • पर्यावरण के प्रति सचेत करना।
  • भारत की उज्ज्वल संस्कृति-परम्परा के प्रति छात्रों को संवेदनशील बनाना
  • व्यक्तित्त्व निर्माण के साथ समावेशी दृष्टिकोण, जिम्मेदार नागरिकता और सामाजिक प्रतिबद्धता की भावना का निर्माण करना।

पाठ्यक्रम की विशेषता (Features): विषय का ज्ञान, संप्रेषण कौशल, आलोचनात्मक दृष्टिकोण, समस्याओं का समाधान, विश्लेषणात्मक और तार्किक दृष्टि का विकास, अनुसंधान कौशल, वैचारिक स्पष्टता, बहुसांस्कृतिकता, नैतिक और सामाजिक मूल्य, साहित्य और भाषा की समझ तथा उनका अनुप्रयोग, सम्प्रेषण, विस्तार, विषय के ज्ञान के आधार पर उसका समग्र विश्लेषण आदि।

शिक्षण पद्धति (Pedagogy) : व्याख्यान, संवाद एवं बहस,  सामूहिक चर्चा, कक्षाओं में पठन-पाठन की पद्धति,  परिवेश का सृजन, अभिनय पद्धति का प्रयोग,  क्षेत्रीय अथवा परियोजना कार्य, अध्ययन से संबंधित पर्यटन, प्रदर्शन कलाओं को वास्तविक रूप देना, वाद-विवाद, दृश्य-श्रव्य माध्यम का प्रयोग, आई सी टी का उपयोग, यू ट्यूब चैनल का प्रयोग, तंत्रज्ञान द्वारापैराग्राफ लेखन, रचनात्मक अभिव्यक्ति, दत्त-कार्य, लिखित परीक्षा, आलोचनात्मक मूल्यांकन पर बल, मौखिकी, विस्तार भाषण, सेमीनार, आतंरिक मूल्यांकन आदि ।

पाठ्यक्रम का परिणाम (Out Come) :

  • हिंदी भाषा की आरंभिक स्तर से लेकर वर्तमान के बदलते रूपों की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
  • भाषा के सैद्धान्तिक रूप के साथ साथ व्यावहारिक रूप भी जाना जा सकता है। उच्च शैक्षिक स्तर पर हिंदी भाषा किस प्रकार महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती, इससे संबंधित परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
  • भाषागत मूल्यों को व्यावहारिक रूप को भी जान सकते हैं।
  • प्रयोजनमूलक हिंदी, पत्रकारिता, अनुवाद आदि के अध्ययन-अध्यापन के द्वारा व्यावसायिकता की क्षमता में बढावा प्राप्त होगा।
  • भारतीय साहित्य के अध्ययन से छात्रों के ज्ञान विस्तार तथा अभिव्यक्ति क्षमता में विकास होगा।
  • साहित्य के माध्यम से सौंदर्यबोध, नैतिकता, सामाजिक समरसता, पर्यावरण संबंधी विषयों की समझ विकसित होगी।
  • भाषायी और साहित्यिक क्षमता में सघन होंगे।
  • गंभीर, समीक्षात्मक और स्वतंत्र चिंतन के लिए सक्षम होंगे।
  • अपने विचारों को व्यक्त करने तथा बहुआयामी व्याख्याओं को समझने के लिए तैयार होंगे।
  • रचनात्मकता में अभिरूचि का निर्माण होगा।
  • साहित्येतिहास के अध्ययन से साहित्यकार के युगबोध का परिचय होगा।
  • काव्य-शास्त्रीय सिद्धान्तों के अध्ययन से विश्लेषण की क्षमता का निर्माण होगा।
  • वर्तमान तकनीकी वातावरण में हिंदी के प्रयोग में दक्ष होंगे।
  • अनुवाद, मिडिया लेखन, सम्पादन, कविता, कहानी आदि की प्रस्तुति का अनुभव प्राप्त करेंगे।

रोजगार (Employability):

  • हिंदी अध्यापन : विद्यालय से विश्वविद्यालय तक अनेकों स्तर के पद,
  • राज भाषा अधिकारी: केन्द्र सरकार व राज्य सरकार के लगभग सभी विभागों/कार्यालयों/मंत्रालयों में हिंदी अधिकारी/प्रबंधक/उप-प्रबंधक पद, राष्ट्रीय बैंक में भाषा अधिकारी पद।
  • प्रकाशन संस्थान: राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिन्दी-भाषा विशेषज्ञ की मांग।
  • हिंदी पत्रकारिता: इलेक्ट्रोनिक मिडिया आकाशवाणी, दूरदर्शन, रेडियो, डिजिटल, सोशल मिडिया आदि में समाचार उद्घोषक, वार्ता लेखक, प्रोग्रामिंग, रेडियो जॉकी, कमेन्टेटर, एंकर आदि; प्रिन्ट मिडिया में सम्पादक (एडिटर), सह-सम्पादक (सब-एडिटर), न्यूज़ एडिटर, स्तम्भ लेखन, फीचर लेखन, विशेष लेखन जैसे खेल समाचार, संसदीय समाचार, बाज़ार समाचार, फील्ड रिपोर्टर, प्रूफ रीडर आदि, मीडिया सलाहकार (केंद सरकार व राज्य सरकार, राजनेताओं द्वारा निजी मिडिया सलाहकार की भारी मांग)।
  • हिंदी अनुवादक एवं दुभाषिया : केन्द्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में वरिष्ठ एवं कनिष्ठ अनुवादक, देशी-विदेशी मिडिया संस्थानों में, देशी विदेशी बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में, राजनैतिक संस्थाओं में, पर्यटन क्षेत्र में, समाचार अनुवाद, साहित्य अनुवाद जैसे अन्य लोक भाषाओं या वैश्विक भाषाओं के साहित्य का अनुवाद।
  • स्वतंत्र लेखन: ब्लॉग साहित्य/वैचारिक लेखन, साहित्य लेखन, भाषण लेखन, शोध-सहायता आदि।
  • विज्ञापन का क्षेत्र: टीवी विज्ञापन, अखबार विज्ञापन, मार्केटिंग विज्ञापन, टैग लाइन, स्लोगन लेखन आदि।
  • फिल्म/टीवी/रेडियो/वेबसाइट आदि सम्बन्धी में लेखन: संवाद रचना, गीत रचना, पटकथा लेखन(स्क्रीन प्ले) आदि।
  • ब्लॉग/वेबसाइट/मोबाइल एप में हिन्दी की लोकप्रियता के कारण देश/विदेश में हिंदी भाषा विशेषज्ञ की विशेष मांग।

विभाग में उपलब्ध सुविधा (Facilities): पुस्तकों की संख्या : 4000 से अधिक ; सन्दर्भ पुस्तकों (REFERENCE BOOKS) की उपलब्धता ; हिन्दी प्रतियोगी परीक्षाओं (मास्टर कैडर/ यूजीसी-नेट /संघ लोक सेवा आयोग, बैंक राजभाषा अधिकारी, पत्रकारिता, अनुवादक आदि) से सम्बंधित पुस्तकों की उपलब्धता ; शोध- सामग्री(RESEARCH MATTER ) की उपलब्धता ; शोध-प्रबंध(THESIS) की उपलब्धता ; लघु शोध-प्रबंधों (DESSERTATIONS) की उपलब्धता; शोध-पत्रिकाओं (RESEARCH JOURNALS ) की उपलब्धता; समाचार पत्रों की उपलब्धता; संगणकों (COMPUTERS ) की उपलब्धता; इन्टरनेट (WiFi/INTERNET ) की उपलब्धता; लड़के/लड़कियों के लिए छात्रावास की उपलब्धता  आदि ।

विभागीय गतिविधियाँ (Activities): विस्तार भाषण,  सेमीनार, कार्यशाला, साहित्यकार से संवाद,  राज्य-स्तरीय हिंदी दिवस समारोह, काव्य गोष्ठी, साहित्यकार केन्द्रित स्मृति-विशेष कार्यक्रम, भाषा-साहित्य ज्ञान/लेखन/वाचन विषयक प्रतियोगिताएँ, शैक्षणिक-सांस्कृतिक यात्रा, साहित्यिक फिल्म प्रदर्शन, सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि।

विभाग के मेधावी छात्र (University Toppers):

  • परीक्षा मई-2015: कन्नू (स्वर्ण पदक), महक शर्मा (रजत पदक), गुरप्रीत कौर(कांस्य पदक), चांदनी, सुखविन्दर कौर, निशु सिंगला; अलका रानी  
  • परीक्षा दिसम्बर-2015: पूनम, सरबजीत कौर, आरती, रजनी, रणजीत कौर, गुरु त्रिशा सिंह; जसप्रीत कौर, अरविन्दर कौर, भावना, कुलदीप कौर
  • परीक्षा मई-2016: आरती, अलका रानी; हर्षदीप कौर
  • परीक्षा दिसम्बर-2016: शैली गुप्ता, प्रीती चतुर्वेदी, भावना, वंदना कुमारी, बलजिन्दर कौर, ममता कुमारी, चारु, प्रीती कुमारी; विनिका अरोड़ा
  • परीक्षा मई-2017: शैली गुप्ता(स्वर्ण पदक), भावना(कांस्य पदक), ममता कुमारी, सतविन्दर कौर, प्रीती चतुर्वेदी, जसप्रीत कौर, बलजिन्दर कौर; विनिका अरोड़ा, ज्योति, अजय कुमार
  • परीक्षा दिसम्बर-2017: विनिका अरोड़ा, ज्योति; प्रिया, भरपूर कौर, ज्योति शर्मा, मानसी
  • परीक्षा मई-2018: विनिका अरोड़ा (रजत पदक); ज्योति शर्मा, भरपूर कौर, प्रिया, अंजलि
  • परीक्षा दिसम्बर-2018: भरपूर कौर, प्रिया, किरन, ज्योति शर्मा; याचना शर्मा, रिंकू कुमारी
  • परीक्षा मई-2019: भरपूर कौर (स्वर्ण पदक), प्रिया (रजत पदक), ज्योति शर्मा; याचना शर्मा, रिंकू कुमारी
  • परीक्षा दिसम्बर-2019: आशा, याचना शर्मा, अनु, रजत सेठी, रिंकू कुमारी, मनीषा; राहुल कुमार, सुमन, हीना, अमनप्रीत कौर
  • परीक्षा मई-2020: याचना शर्मा (स्वर्ण पदक), रिंकू कुमारी (रजत पदक), रजत सेठी; राहुल कुमार
  • परीक्षा दिसम्बर-2020: राहुल कुमार; प्रियंका, विभु
  • परीक्षा मई-2021: राहुल कुमार; प्रियंका, विभु
  • परीक्षा दिसम्बर-2021: प्रियंका, विभु; शिवानी, जसलीन
  • परीक्षा मई-2022: प्रियंका (रजत पदक), नेहा
  • परीक्षा दिसम्बर-2022: नेहा; पुष्पा देवी, सूरज बरई, यशोदा

हिन्दी विभाग में उपलब्ध कोर्स (Courses):

  • स्नातक (B.A. Elective. Hindi):
    B.A. I Year – Semester System
    B.A. II Year – Semester System
    B.A. III Year – Semester System
    (Eligibility: 12th in any stream/as per PU Guidelines)

  • स्नातकोत्तर (M.A. HINDI):
    MA - I Year Semester System (60 Seats)
    MA - II Year Semester System (60 Seats)
    (Eligibility: Graduation in any stream with 45% or 50% Marks/as per PU Guidelines)

  • पीएच. डी. (Ph.D. Hindi):
    (Eligibility: Panjab University Chandigarh Ph.D. Entrance Test/UGC-NET)
प्राध्यापकों के बारे में (Faculty Profile):
 
डॉ. मोनिका जैन (VIDWAN ID: 312676): एम. ए.(हिन्दी),बी.एड., एम.एड., एमफिल, पीएच-डी 
प्रकाशित पुस्तक-01,
पुस्तक(प्रेस में)-01, 
राष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित शोध-पत्र- 01, 
 राष्ट्रीय-अंतर-राष्ट्रीय सेमिनारों में शोध-पत्र प्रस्तुति- 05 
 कार्यशाला में सहभागिता- 02 
 
डॉ. सौरभ कुमार (VIDWAN ID: 312714): एम. ए.(हिन्दी), यूजीसी-नेट, पीएच-डी.
प्रकाशित पुस्तक-03, 
पुस्तक-सम्पादन- 01,
राष्ट्रीय-अंतर-राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध-पत्र- 26, 
पुस्तक अध्याय लेखन- 04,
पुस्तक-भूमिका लेखन- 02, 
राष्ट्रीय-अंतर-राष्ट्रीय सेमिनारों में शोध-पत्र प्रस्तुति-44, 
कार्यशाला में सहभागिता- 03 
पत्रिका सम्पादन-02 
रेडियो वार्ता-02 
विशेषज्ञता: हिन्दी साहित्य का इतिहास, काव्यशास्त्र, भाषा-विज्ञान 
 
डॉ. सोनदीप (VIDWAN ID: 312768): एम. ए.(हिन्दी), बी.एड, सीटीईटी, यूजीसी-नेट+जेआरएफ, पीएच-डी.
राष्ट्रीय-अंतर-राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध-पत्र-09, 
पुस्तक अध्याय लेखन- 03,
राष्ट्रीय-अंतर-राष्ट्रीय सेमिनारों में शोध-पत्र प्रस्तुति-16, 
कार्यशाला में सहभागिता- 01 
विशेषज्ञता: आधुनिक गद्य साहित्य, मध्यकालीन हिन्दी कविता 
 
प्रो. इन्द्रजीत पासवान (VIDWAN ID: 312786): एम. ए.(हिन्दी), बी.एड, सीटीईटी, यूजीसी-नेट
राष्ट्रीय-अंतर-राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित शोध-पत्र-02, 
राष्ट्रीय-अंतर-राष्ट्रीय सेमिनारों में शोध-पत्र प्रस्तुति-08.

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