लुधियाना की इस संस्था को शुरू में "इंपीरियल कॉलेज" के नाम से जाना जाता था, जिसकी स्थापना 1920 में हुई थी। संस्कृत विभाग महाविद्यालय के सबसे पुराने विभागों में से एक है। विभाग का लक्ष्य छात्रों में भाषा के प्रति रुचि पैदा करना एवं भारत के प्राचीन समाज से परिचित करवाना है|
संस्कृत भाषा में भारत की प्राचीन कलाएं, ज्ञान-विज्ञानादि के अनेक विषय मिलते हैं। संस्कृत से ही भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार संभव है। अत: छात्रों को इन सब तथ्यों से परिचित करवाना है।
पाठ्यक्रम के अन्तर्गत छात्रों को पंचतंत्र, नीति शतक, दर्शन (भगवद्गीता एवं उपनिषद्), साहित्य (दूतवाक्य, रघुवंश, रामायण), कुछ प्रसिद्ध कवि एवं उनकी कृतियों का परिचय, वेद वेदांगादि का सामान्य परिचय पढ़ाया जाएगा। जिसका उद्देश्य छात्रों को भारतीय समाज, संस्कृति एवं इतिहास से परिचित करवाना है। पंचतंत्र की कथाओं के माध्यम से छात्रों को लोकाचार की शिक्षा देना और नीतिशतक से छात्रों को समाजोपयोगी संदेश देना विभाग का उद्देश्य है। भगवद्गीता के अध्ययन से छात्रों को कर्म के महत्त्व के विषय में सूक्ष्म जानकारी देना विभाग का लक्ष्य रहेगा।
Admission Criteria: छात्र जिन्होंने 10+2 किसी भी विषय सहित पास की हो वे संस्कृत का विषय ले सकते हैं।
Qualification: MA MPhil Phd
Area of Specialisation: कौटिल्य के अर्थ शास्त्र में सुशासन, संस्कृत नाटकों में समाज
IP: Induction Programs, STC: Short Term Courses, RC: Refresher Courses